प्रत्येक जनपद में चयनित किये जायेंगे एक-एक संस्कृत ग्राम।

देहरादून : संस्कृत शिक्षा के संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार को लेकर प्रदेशभर में संस्कृत सप्ताह मनाया जायेगा। जिसका शुभारम्भ आगामी 8 अगस्त को राजभवन देहरादून से किया जाएगा। संस्कृत सप्ताह का संचालन राज्यभर में 14 अगस्त तक किया जायेगा। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत ग्राम घोषित किये जायेंगे, जिनके चयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। विभाग में लंबे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न पदों को प्रतिनियुक्ति एवं आउटसोर्स के माध्यम से शीघ्र भरने के निर्देश निदेशक संस्कृत शिक्षा को दे दिये गये हैं।

सूबे के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज हरिद्वार स्थित संस्कृत अकादमी में संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ0 रावत ने देववाणी संस्कृत के व्यापक प्रसार एवं संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने बताया कि आगामी 8 अगस्त से प्रदेशभर में संस्कृत सप्ताह मनाया जायेगा। जिसका शुभारम्भ राजभवन देहरादून से किया जायेगा। इस दौरान लोगों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक किया जायेगा साथ ही वेद, पुराण एवं उपनिषदों सहित संस्कृत ग्रंथों की जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। डॉ0 रावत ने कहा कि संस्कृत के गौरव को पुनः प्राप्त करने के लिये इसका प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि संस्कृत राज्य की द्वितीय राजकीय भाषा है, इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत ग्राम घोषित किये जायेंगे, जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को चयन प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। संस्कृत शिक्षा मंत्री ने बताया कि चयनित संस्कृत ग्रामों में संस्कृत भाषा का संवर्धन किया जायेगा साथ ही संस्कृत भाषा के महापुरूषों एवं विद्वानों के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर संस्कृत महोत्सव आयोजित किये जायेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर शीघ्र भरा जायेगा। इसके लिये संस्कृत शिक्षा निदेशक को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अंतर्गत सचिव संस्कृत शिक्षा परिषद, संयुक्त निदेशक एवं उप निदेशक के रिक्त एक-एक पद तथा सहायक निदेशक के रिक्त छह पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जायेगा जबकि चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। समीक्षा बैठक के उपरांत विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत अकादमी एवं संस्कृत निदेशालय का निरीक्षण किया।

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बैठक में निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ0 एस0पी0 खाली, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय डॉ0 गिरीश अवस्थी, सहायक निदेशक डॉ0 चण्डी प्रसाद घिल्डियाल, संजू ध्यानी, पद्मनाभम मिश्रा, शोध अधिकारी हरीश चन्द्र गुरूरानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।