देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘‘जय हिन्द-उत्तराखण्ड के वीर‘‘ कार्यक्रम में शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया। आहो रेडियो एवं दून डिफेंस ड्रीमर के संयुक्त तत्वाधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतीय सेना के शौर्य साहस और बलिदान की अमर गाथाओं पर आधारित जय हिन्द-उत्तराखण्ड के वीर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिन शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया उनमें अशोक चक्र विजेता शहीद मोहन नाथ गोस्वामी, अजयवर्धन सिंह तोमर, शौर्य चक्र विजेता मेजर विभूति शंकर ढांेडियाल, चन्द्र सिंह कार्की, मेजर चित्रेश बिष्ट, राहुल रैसवाल, दीपक नैनवाल एवं गोकर्ण सिंह राठौर के परिजन शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल विपिन रावत को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर हम स्वंय को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में देश में 60 हजार से अधिक कार्यक्रम देश की आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की शौर्य एवं साहस की वीर गाथा को हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करेंगे। देश की एकता एवं अखण्डता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सभी सैनिको को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वीर सैनिकों के कारण आज हम सभी सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम अमृत महोत्सव मना रहे हैं। महान स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद वीर जवानों को समर्पित अमृत महोत्सव, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत का भी संकल्प है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के बाद हम आजादी के अमृत काल में प्रवेश करेंगे, 25 वर्षों के इस अमृत काल (2022-2047) हमारी नौजवान पीढ़ी के हाथ में देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमान्त क्षेत्र मलारी, नेपाल सीमा से जुड़े क्षेत्र मंच तामली स्वीमी विवेकानन्द की तपस्थली अद्वेत मायावती आश्रम से लेकर प्रदेश में सभी क्षेत्रों में आजादी का अमृत महोत्सव उल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश विभाजन विभीषिका दिवस भी है। 14 अगस्त 1947 को देश को लहू लुहान होना पड़ा था। इस विभीषिका में 10 लाख से अधिक लोगों का संहार हुआ था। हमारी मां बहिनों ने अत्याचार सहे। इन घटनाओं को भी सामने लाने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है। यह अवसर देश के लिये बलिदान होने वाले सभी ज्ञात अज्ञात लोगों का स्मरण करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि सैनिक परिवार से जुड़ा होने के कारण वे सैनिक परिवारों की समस्याओं से अवगत है। हमारे प्रदेश की जनसंख्या कम होने के बावजूद 1727 वीरता पदक प्रदेश के सैनिकों को मिले है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्वस के अवसर पर हम सबकों प्रदेश के समग्र विकास का भी संकल्प लेना होगा। प्रदेश के रजत जयन्ती वर्ष में हमारा प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़कर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो। इस दिशा में हमे प्रयास करने होंगे। प्रदेश के सभी सरकारी गैर सरकारी विभाग, संस्थाये अपने स्तर से ऐसी अभिनव योजनाओं पर कार्य करें जो देश में बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में पहचान बनाये। हमारा प्रयास राज्य स्थापना के 25वें वर्ष का आयोजन नई उपलब्धियों के साथ आयोजित करने का भी रहेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तिरंगा सम्मान तथा उत्तराखण्ड की शौर्य विरासत तथा सैनिको के शहादत की पृष्ठ भूमि पर आधारित गीत गाने वाले सुधान सिंह कैंतुरा तथा आईटीबीपी के जवान अर्जुन खेरियाल को भी सम्मानित किया जिन्होंने तेरी मिट्टी में मिल जांवा…………………. गीत गाकर सभी को शहीदों की शहादत से जोड़ने का प्रयास किया। इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनिल उनियाल गामा ने भी शहीदों का स्मरण कर नगर निगम द्वारा हर घर तिरंगा कार्यक्रम की सफलता के लिये किये जा रहे प्रयास की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन आरजे काव्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा छात्र-छात्राये उपस्थित रही।