देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने 2015-16 में हुई एसआई भर्ती की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि, जांच में दोषी पाए जाने वालों पर रासुका और गैंगस्टर लगाया जाएगा और संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय ने दरोगा भर्ती की विजिलेंस या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा। इस सिफारिश से इस बैच के दरोगाओं में हड़कंप मच गया है।
पंतनगर विश्वविद्यालय ने दरोगाओं के 339 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घपले के अलावा दो और भर्तियों की जांच एसटीएफ को मिलने के बाद 2015-16 की भर्ती पर सवाल उठाने वाली तमाम पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। लगातार सवाल उठ रहे थे कि दूसरी भर्तियों में खुलासे करने वाला पुलिस महकमा अपनी ही भर्तियों की जांच क्यों नहीं कर रहा है? विभागीय सूत्रों ने बताया कि पुलिस ही पुलिसकर्मियों की जांच करती तो इस पर सवाल उठने लाजिमी थे। इसी कारण पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच विजिलेंस या किसी दूसरी स्वतंत्र एजेंसी से कराने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा।
यह मामला तब उछला, जब हालिया भर्ती घपले के मुख्य आरोपी हाकम सिंह रावत के साथ वर्ष 2015-16 की भर्ती के दो दरोगाओं की फोटो वायरल हुई। सोशल मीडिया पर भर्ती के समय खुद हाकम सिंह ने इसे डाला था। इन दारोगाओं को उसने छोटा भाई कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह इन्हें टे्रनिंग ज्वाइन कराने के लिए गया है। यह भी बताया जा रहा कि ये दरोगा उस भर्ती में काफी अच्छे नंबरों से पास हुए थे। मामले के सोशल मीडिया में जोर पकड़ने के बाद पुलिस पर इस भर्ती की भी जांच कराने का दबाव बढ़ गया।