देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी ) पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी हाकम सिंह रावत की जमानत याचिका एक बार फिर से खारिज कर दी गई है। पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया था। अब सेशन कोर्ट ने याचिका नामंजूर कर दी। कोर्ट ने कहा है कि किसी आरोपी को जमानत मिलना दूसरे आरोपी को जमानत देने का आधार नहीं है।
स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक कराने के मामले में हाकम सिंह को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उसने दर्जनों अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें हल किया हुआ पेपर मुहैया कराया है। एसटीएफ ने कई अभ्यर्थियों के मजिस्ट्रेटी बयान भी दर्ज कराए हैं। इनमें हाकम सिंह और उनकी बातचीत की पुष्टि हुई है। हाकम सिंह ने अक्तूबर में मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत लेने का प्रयास किया था। लेकिन, कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका नामंजूर कर दी थी। अब फिर से बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सेशन कोर्ट (एडीजे चतुर्थ) को बताया कि हाकम सिंह को फर्जी फंसाया गया है। उससे झूठी रिकवरी कराई गई। इस मामले में पूर्व में भी कई आरोपी जमानत पा चुके हैं। ऐसे में हाकम सिंह को भी जमानत दे दी जाए। लेकिन, अभियोजन ने इस मामले में इन तर्कों का विरोध किया।
कहा कि हाकम से काफी रिकवरी हुई है। उसके साथ बातचीत का अभ्यर्थियों ने मजिस्ट्रेटी बयानों में भी साक्ष्य दिया है। कॉल डिटेल भी इस बात की गवाह है। इस मामले में कोर्ट ने हाकम सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि किसी को जमानत मिलना अन्य को जमानत देने का आधार नहीं हो सकता है।