देहरादून। जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जाएका) ने देहरादून में उत्तराखंड इंटीग्रेटेड हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गणेश जोशी, वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल तथा सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण एवं मुख्य परियोजना अधिकारी (यूकेआईएचडीपी) डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम समेत जाएका के वरिष्ठ प्रतिनिधि जुन वातानाबे समेत भारत सरकार एवं बागवानी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग के कई गणमान्य जन भी उपस्थित थे। जाएका ने भारत सरकार के साथ मार्च 2022 में एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके अनुसार जापान की ओर से इस परियोजना के लिए 6401 मिलियन येन (लगभग 413 करोड़ रु) का आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) ऋण मुहैया कराया जाना था।
भारत के विकास संबंधी मसलों एवं नीतियों और जापान तथा जाएका की सहयोग नीति एवं विश्लेषण के अनुरूप, यह परियोजना चार लक्षित जिलों में मुनाफा आधारित बागवानी को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आमदनी में सुधार लाने में योगदान देगी। उत्तराखंड मुख्य रूप से पर्वतीय राज्य जहां लोगों के पास छोटे आकार के बिखरे हुए खेत हैं तथा राज्य में सिंचाई की भी कोई समुचित सुविधाएं नहीं हैं। परियोजना के जरिए बागवानी को मुनाफा आधारित बनाने तथा किसानों की आमदनी में सुधार के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और क्षमता निर्माण पर ज़ोर दिया जाएगा। इसके लिए बागवानी की फसलों के प्रोडक्शन, प्रोसैसिंग एवं मार्केटिंग जैसे पक्षों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा ताकि राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में योगदान मिल सके। यह परियोजना किसानों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा उन्हें स्तरीय पौधों आदि के वितरण के जरिए सस्टेनेबल तरीके से सर्विस डिलीवरी और उसमें सुधार पर ध्यान देगी। इस अवसर पर, साइतो मित्सुनोरी, मुख्य प्रतिनिधि, जाएका इंडिया ने कहा कि जाएका को उत्तराखंड में बागवानी विभाग के सहयोग से उत्तराखंड इंटीग्रेटेड हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर बेहद प्रसन्नता है। हमें पूरा विश्वास है कि यह परियोजना राज्य में किसानों को पानी, टैक्नोलॉजी और कृषि सामग्री तथा अपर्याप्त मार्केटिंग सुविधाओं जैसी मौजूदा चुनौतियों से निपटने में मदद पहुंचाएगी। साथ ही, यह उन्होंने अपने मौजूदा कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने तथा अपनी अपने कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन करने में भी मदद देगी। इसके अलावा, यह भारत सरकार द्वारा देश में कृषि/बागवानी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी पूरा करने में सहायक सिद्ध होगी।