रुद्रपुर/देहरादून। शातिर ठग साइबर ठगी के लिए रोज नए फंडे अपना रहे हैं। एक ताजा मामले में मास्किंग एप्लीकेशन के सहारे बैंक के टोल फ्री नंबर से कॉल आने के बाद एक लाख रुपये उड़ गए। मोहल्ला फुलसुंगा निवासी सुकांता दास ने पुलिस को तहरीर सौंपी। इसमें बताया कि 31 अक्तूबर को उसके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताकर सुकांता से उसके एटीएम कार्ड का विवरण और फोन में आया ओटीपी पूछा। इस पर सुकांता ने शक जताया। कॉल करने वाले ने सुकांता को एटीएम कार्ड में अंकित कस्टमर केयर नंबर दिखा दिया। इस पर विश्वास कर सुकांता ने उसे एटीएम कार्ड का विवरण और फोन में आया ओटीपी बता दिया। ओटीपी बताते ही सुकांता के खाते से 1,12,030 रुपये उड़ गए।
इस मामले में साइबर थाने के एसएचओ ललित मोहन जोशी ने बताया कि सुकांता का केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि साइबर ठग मास्किंग एप्लीकेशन का प्रयोग कर रहे हैं। इस एप्लीकेशन के माध्यम से कॉल करने वाले का असली नंबर ओझल होकर सामने वाले की मोबाइल स्क्रीन पर असली नंबर दिखाई देता है। उन्होंने लोगों को इससे सतर्क रहने का सुझाव दिया।
वहीं, रॉयल रेजीडेंस बगवाड़ा निवासी पप्पू यादव ने पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि 14 अगस्त को उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने पप्पू से उनके फोन पर आया ओटीपी पूछा। पप्पू के ओटीपी बताते ही उसके क्रेडिट कार्ड से 71,465 रुपये उड़ गए। कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर रकम वापस दिलाने का प्रयास शुरू कर दिया है।
वहीं, फूलबाग निवासी दीपिका पी. जोशी ने साइबर थाने को तहरीर दी। इसमें बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में एचडीएफसी लाइफ बीमा कंपनी की एक पॉलिसी ली थी। इसे उन्होंने 2022 में दूसरी पॉलिसी से स्विच किया था। इसके बाद जमा पैसा उन्हें मिलना था। इसके लिए अज्ञात व्यक्ति ने नौ दिसंबर को उन्हें कॉल कर खुद को क्रेडिट विभाग का अधिकारी बता पॉलिसी का पैसा वापस करने के लिए कई शुल्क मांगे जिसे बाद में वापस कराने का आश्वासन भी दिया। इसलिए वादी ने कुल 3,03,257 रुपये आरोपी के बताए खाते में जमा करा दिए। इसके बावजूद भुगतान न मिलने पर उन्हें धोखाधड़ी का आभास हुआ। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।