अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

हल्द्वानी/देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। वहीं, अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। सोमवार को मामले की सुनवाई वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार, अंकिता भंडारी की हत्या के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। जिसमे कहा गया है कि जांच अधिकारी द्वारा सक्षम अदालत से उनका नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगी गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार ने यह अनुमति दी थी।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोटद्वार के इस आदेश को पुलकित ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। कहा गया कि इस मामले के दो अन्य आरोपियों ने टेस्ट कराने की सहमति नहीं दी है। उन पर जांच अधिकारी के द्वारा बार-बार नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए दवाब डाला जा रहा है। वह अपना नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं कराना चाहते है। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता।  पुलकित आर्य का एक से तीन फरवरी के बीच पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाना था। टेस्ट का स्लॉट विशेषज्ञों की उपलब्धता पर निर्भर था। पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आरोपी का नार्को टेस्ट भी किया जाना था। इसके लिए पुलिस पहले ही करीब 30 सवालों की फेहरिस्त तैयार कर चुकी थी। इसमें पुलिस के बताए गए प्रश्नों को भी शामिल किया गया था।

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अंकिता हत्याकांड में कई सवालों की गुत्थी नार्को टेस्ट से ही सुलझनी है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वीआईपी का नाम और पुलकित का मुख्य मोबाइल है। इसे लेकर दिसंबर 2022 में एसआईटी ने न्यायालय में नार्को टेस्ट कराने के लिए अर्जी दी थी। पहले तो पुलकित और सौरभ ने इसके लिए अनुमति दे दी थी। लेकिन, बाद में अपने वकीलों से सलाह करने के लिए प्रार्थनापत्र वापस ले लिए थे। ऐसे में दोबारा जब अनुमति के लिए पूछा गया तो केवल मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने ही स्वीकृति दी थी। इसमें भी उसने तमाम शर्तों और सवालों को शामिल किया था।

18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चैकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था।