देहरादून,। चारधाम यात्रा के लिए जिस प्रकार से यात्री लगातार बडी संख्या में अपना पंजीकरण करवा रहे हैं और गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउसों की बुकिंग का आंकडा रोज बढ़ता जा रहा है वह इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़कर नये कीर्तिमान स्थापित करेगी। गत वर्ष की भांति इस बार भी सरकार चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर लगातार समीक्षा कर रही है। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि चारधाम यात्रा के लिए जिस प्रकार से यात्री लगातार बडी संख्या में अपना पंजीकरण करवा रहे हैं और गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउसों की बुकिंग का आंकडा रोज बढ़ता जा रहा है वह इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़कर नये कीर्तिमान स्थापित करेगी। उन्होने कहा कि 22 अप्रैल से शुरू होने जा रही है चारधाम यात्रा के तहत केदारनाथ-349944, बद्रीनाथ-291537, यमनोत्री-161149 और गंगोत्री धाम के लिए 166310 यात्री विभिन्न माध्यमों से अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। अभी तक कुल 968951 यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इतना ही नहीं 16 फरवरी 2023 से शुरू हुई जीएमवीएन गेस्ट हॉउसों की बुकिंग के तहत अभी तक कुल 74177667 (सात करोड़ इकतालीस लाख सतहतर हजार छह सौ सढ़सठ हजार) रुपये की बुकिंग की जा चुकी है।
पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चारों धामों के विकास के लिए हम निरंतर प्रयत्नशील हैं। वर्ष 2013 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद केन्द्र के सहयोग से जहां प्रदेश सरकार केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण करवा रही है वहीं दूसरी ओर बद्रीनाथ धाम को एक ष्स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउनष् के रूप में विकसित किए जाने का सरकार चरणबद्ध रूप से कार्य कर रही है। चारधाम यात्रा और पर्यटन के विकास के लिए कनेक्टिविटी बहुत महत्वपूर्ण है।इसलिए हम देश के अन्य क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने पर तेजी से काम कर रहे हैं। हवाई सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। चारधाम ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम जोरों पर चल रहा है। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तथा सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे परियोजना को विकसित करने की कार्यवाही भी प्रारंभ कर दी गई है। दोनों रोपवे परियोजनाओं को 3 वर्ष में पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने खरसाली से यमुनोत्री तक 166 करोड़ से भी अधिक की धनराशि से बनने वाने रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है।