उत्तरकाशी/देहरादून,। 18 दिन पूर्व हुए लड़के भगाने के प्रयास के बाद उपजे विवाद के बाद उत्तरकाशी में सांप्रदायिकता की आग जलने लगी है। जिससे माहोल तनावपूर्ण हो गया है। पुरोला में तनाव को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 15 जून को होने वाली महापंचायत के आयोजनकर्ताओं को अनुमति नहीं दी है। विश्व हिंदू परिषद और प्रधान संगठन की ओर से अनुमति मांगी गई थी। इसके अलावा पुरोला में धारा 144 लागू करने की तैयारी की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने शांति व्यवस्था व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक कंपनी पीएसी भी मांगी है।
वहीं नाबालिग लड़की को भगाने की घटना को 18 दिन बीत गए हैं। लेकिन, पुरोला में अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। बल्कि 15 जून को होने वाली प्रस्तावित महापंचायत को लेकर मुस्लिम व्यापारियों में डर का माहौल और अधिक बढ़ गया है। गत 26 मई को बिजनौर निवासी जितेंद्र सैनी और उवेस खान ने पुरोला में एक नाबालिग लड़की को भगाने का प्रयास किया। जिन्हें स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने पकड़ा। जिसके बाद पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों के विरुद्ध स्थानीय व्यापारियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा। तब से अभी तक पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की एक भी दुकान नहीं खुल पाई है। पुरोला में 30 से अधिक दुकानें पिछले 18 दिनों से बंद हैं। जबकि 14 व्यापारियों ने दुकानें खाली कर दी हैं।