देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी में आज पासिंग आउट परेड के साथ ही देश को 456 सैन्य अफसर मिल गए हैं। अकादमी से आज 35 विदेशी कैडेट्स भी पास आउट हुए। इस बार पास आउट परेड में रिव्यूइंग ऑफिसर के रूप में नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज परेड की सलामी ली। वहीं जेंटलमैन कैडेट्स ने भारतीय सेना के अधिकारियों के रूप में नियुक्त होने से पूर्व भारतीय सेना के परंपराओं को कायम रखने और तिरंगे झंडे को हमेशा ऊंचा रखने का संकल्प लिया। ओवरआल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वार्ड ऑफ ऑनर जतिन कुमार को प्रदान की गई। प्रथम सिंह को गोल्ड मेडल, जतिन कुमार को सिल्वर मेडल, चिराग यादव को सिल्वर मेडल (टीजीसी), महिपाल सिंह को सिल्वर मेडल (टीईएस) और मयंक ध्यानी को ब्रांज मेडल दिया गया। प्रबीन पांडेय को बांग्लादेश मेडल से सम्मानित किया गया।
अकादमी में शनिवार को कड़ी ठंड के बीच सुबह करीब 6 बजे से ही कैडेट्स के परिजनों का परेड मैदान पर पहुंचना शुरू हो गया। इस दौरान सुबह भारतीय सैन्य अकादमी के करीब भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ा। हालांकि, मीडिया समेत परिजनों को 7ः30 तक परेड मैदान में पहुंचने का समय निर्धारित किया गया था। लेकिन ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने मौजूद परेड ग्राउंड में सुबह ठीक 8ः54 पर कैडेट्स परेड के लिए पहुंच गए। इसके करीब 36 मिनट बाद पासिंग आउट परेड के मुख्य अतिथि और रिव्यूइंग ऑफिसर नेपाल के सेना प्रमुख परेड मैदान पर सलामी लेने के लिए आए। इसके बाद कैडेट्स ने कदमताल करते हुए परेड शुरू की। इस दौरान नेपाल के सेना प्रमुख ने अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले केडेट को मेडल दिए। इससे पहले रिव्यूइंग ऑफिसर ने परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी भी ली। इसके बाद नेपाल सेना प्रमुख अशोक राज ने अपने संदेश में अकादमी के बेहतर प्रयासों की बात कही और पास आउट होने वाले अफसरों को आगामी चुनौतियों के लिए शुभकामनाएं दी।
चेटवुड भवन के सामने मैदान पर करीब एक घंटे तक परेड का यह कार्यक्रम चला। जिसमें अंतिम पग पार करते हुए कैडेट्स ने ट्रेनिंग को पूरा कर लिया। इस दौरान चेटवुड भवन के पीछे से तीन हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के नए अफसरों का आसमान से फूलों की बरसात कर स्वागत करते हुए नजर आए। परेड में कैडेट्स के कदमताल और आसमान से फूलों की बरसात के इस दृश्य को देखकर यहां मौजूद परिजनों और सेना के अफसरों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। कैडेट्स के प्रथम पग पार करने के ठीक एक घंटा 27 मिनट बाद निजाम पवेलियन में पिपिंग सेरेमनी का कार्यक्रम शुरू हुआ। इस दौरान सेना के नए अफसरों ने शपथ ली और परिजनों ने अपने लाडलों के कंधों पर सितारे लगाए। बता दें कि मुख्य परेड के बाद जनरल सिग्देल परेड के कलर पार्टी और केन ऑर्डलीज को पुरस्कार प्रदान किया। इसके साथ ही, वे रिव्यूइंग ऑफिसर प्लेट और तलवार भी प्रदान की गई।
आईएमए की भव्य पासिंग आउट परेड के बाद 456 युवा अफसर भारतीय सेना में शामिल हो गए। 35 मित्र राष्ट्रों के अफसर भी पास आउट हुए। ऐतिहासिक चेटवुड बिल्डिंग के ड्रिल स्क्वायर पर हुई परेड की सलामी नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने ली। भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 66 हजार 119 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों को आर्मी 2988 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। पीओपी के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी। चप्पे-चप्पे पर सेना के सशस्त्र जवान तैनात रहे।
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फोटो-डी 3-नेपाल सेना प्रमुख।
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भविष्य में विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों के उद्भव के कारण चुनौतियां बहुआयामी होंगीः नेपाल सेना प्रमुख
देहरादून। नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने शनिवार को आईएमए के शरदकालीन पाठ्यक्रम के कैडेटों के पासिंग आउट परेड के निरीक्षण के दौरान कहा कि विघटनकारी नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव के कारण सैन्य नेताओं के लिए भविष्य का माहौल चुनौतियों से भरा होगा। उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से उत्तीर्ण होने वाले कैडेटों से ऐसी चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया और कहा कि वे आत्मविश्वास के साथ अपनी रोमांचक नई यात्रा शुरू कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र में उपलब्ध सर्वाेत्तम प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है।
जनरल सिगडेल ने कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि आगे का काम आसान नहीं है। आपको भविष्य में ऐसे माहौल का सामना करना पड़ेगा जो निश्चित रूप से बहु-क्षेत्रीय, बहु-रंगमंचीय और बहु-क्षेत्रीय होगा। विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों के उद्भव के कारण चुनौतियां बहुआयामी होंगी, लेकिन आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं क्योंकि आपको सर्वाेत्तम प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है। शनिवार को आईएमए से कुल 491 कैडेट उत्तीर्ण हुए, जिनमें 456 भारत के और 35 मित्र देशों के थे। जनरल सिगडेल ने कहा कि वीरता आपको कठिन समय से निकालेगी और बुद्धि आपको आगे बढ़ने का सर्वाेत्तम मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही कैडेट सैन्य नेताओं के रूप में अपनी नई भूमिका में कदम रखेंगे, उनकी सहनशक्ति की परीक्षा होगी, क्योंकि उन्हें चरम जलवायु परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। सबसे अधिक ऊंचाई से लेकर सबसे कम गहराई तक, सबसे ठंडे ग्लेशियरों से लेकर सबसे गर्म रेगिस्तानों तक, तथा सबसे सुनसान जंगलों से लेकर सबसे घने शहरी केंद्रों तक। जनरल सिगडेल ने कहा कि हालांकि, आईएमए में उन्हें जो कौशल और वीरता एवं बुद्धिमत्ता के मूल्य सिखाए गए हैं, वे उनके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे।