धामी कैबिनेट ने सख्त भू कानून पर लगाई मुहर

देहरादून। हिमाचल से अधिक सख्त भू कानून का सपना बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूरा कर दिया है। ऐसा कर सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के यशवंत सिंह परमार बन गए हैं। उत्तराखंड के पहाड़ की कृषि, उद्यान की जमीन को बचाने को धामी सरकार के भू कानून में सख्त प्रावधान किए गए हैं। अब हरिद्वार, उधमसिंहनगर को छोड़ कर राज्य के शेष 11 पहाड़ी जिलों में बाहर का कोई भी व्यक्ति कृषि, उद्यान के लिए जमीन नहीं खरीद पाएगा।
धामी सरकार ने बुधवार को सख्त भू कानून को मंजूरी दी। अब उत्तराखंड में 11 जिलों में दूसरे राज्य के लोग नहीं खरीद पाएंगे कृषि, उद्यान के लिए जमीन। हरिद्वार, उधम सिंह नगर को छोड़ बाकी 11 जिलों में जमीन खरीद प्रतिबंधित कर दी गई है।
निकाय सीमा में तय भूउपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल करने पर भी सख्त कार्रवाई होगी। धामी सरकार ने भू कानून को बेहद सख्त बना दिया है। त्रिवेंद्र रावत सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त कर एक बड़ा साहसी फैसला लिया गया है। अब राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद की मंजूरी नहीं दी जाएगी। पहाड़ों पर चकबंदी और बंदोबस्ती को तेजी से पूरा किया जाएगा।दूसरे राज्य के लोगों के लिए राज्य में जमीन खरीदना बेहद मुश्किल हो जाएगा। जमीनों की खरीदारी के लिए अब डीएम अनुमति नहीं दे पाएंगे। प्रदेश में जमीन खरीद के लिए पोर्टल बनाया जाएगा। पोर्टल में राज्य के बाहर के लोगों की एक एक इंच जमीन खरीद का ब्यौरा दर्ज होगा।

 

 

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निकाय सीमा से बाहर दूसरे राज्य के लोगों को जमीन खरीदने को शपथ पत्र अनिवार्य रूप से देना होगा। उनकी जमीन को आधार से लिंक किया जाएगा। एक परिवार में दो लोगों के तथ्य छुपाकर जमीन खरीदने पर सख्त कार्रवाई के रूप में जमीन सरकार में निहित कर दी जाएगी। सभी डीएम को राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी। नगर निकाय सीमा में जमीनों के तय भू उपयोग के अंतर्गत ही लोग उसका इस्तेमाल कर पाएंगे। राज्य से बाहर के लोगों के इसका दुरुपयोग करने सरकार स्तर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियमों से हटकर किए गए इस्तेमाल पर जमीन सरकार में निहित की जाएगी।

हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती
पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित किये
अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे।
सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी।
ऑनलाइन पोर्टल से होगी भूमि खरीद की निगरानी
प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।
शपथ पत्र होगा अनिवार्य
बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य करने से रुकेगा फर्जीवाड़ा और अनियमितताएं।
नियमित रूप से भूमि खरीद की रिपोर्टिंग
सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
नगर निकाय सीमा के भीतर तय भू उपयोग
नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।
यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।
क्या होगा नए कानून का प्रभाव ?
इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।

 

 

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भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।

 

 

सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।