Almora – गौरैया पक्षियों के दाना पानी के लिए मिट्टी के सकोरे (वर्तन) गौरैया संरक्षण और संवर्धन हेतु जागरूकता के लिए सुबह 10 बजे और शाम 6 बजे को प्रकृति सेवा समिति व पर्यावरण चिंतक समूह और पर्यावरण सचेतक समिति के सौजन्य से मानसरोवर गेट पर निःशुल्क वितरित किये गए। मिट्टी के वर्तन सकोरे वितरित करते हुए समिति के संस्थापक महासचिव पर्यावरण सचेतक नैपालसिंह पाल ने कहा कि हम सभी को गौरैया के संरक्षण और संवर्धन के लिए सेवा ही बनना होगा अपने घरों में पेड़ पौधे लगाने होंगे और गौरैया के भोजन के लिए लौकी , तोरई आदि की बेल लगानी चाहिए क्योंकि गौरैया छोटे छोटे कीड़े मकोड़े को भोजन के रूप खाती है। कुछ कच्चा स्थान भी छोड़ना होगा। अध्यक्षा पर्यावरण प्रेमी रविता पाल ने कहा कि हम सभी को गौरैया संरक्षण के लिए आगे आना ही होगा। क्योंकि आने वाली पीढ़ी को भी यह देना ही होगा।और सभी से संरक्षण और संवर्धन की अपील की। इस अवसर सामाजिक पर्यावरण चिंतक एडवोकेट रमेश आर्य ने कहा कि गौरैया को बचाना अपनी संस्कृति को बचाना है और भविष्य में इनकी संख्या बनी रहे इसके लिए अभी से सकारात्मक प्रयास जरूरी हैं। वरिष्ठ युवा समाजसेवी अनुपेंद्र चौधरी ने कहा कि गौरैया हम सबको अपनी चूं चूं की आवाज से मन मोह लेती है लेकिन अब इनकी कम होती संख्या पर्यावरण के अच्छा सूचक नही है अतः इनके संख्या बढ़ाने के लिए हम सब को आगे आना होगा। अवसर पर वरिष्ठ युवा समाजसेवी अनुपेंद्र चौधरी सदस्य पर्यावरण चिंतक समूह , प्रीत सिंह प्रधानाचार्या द राइजिंग पब्लिक स्कूल , प्रकृति सेवा समिति के विधिक मार्गदर्शक और पर्यावरण चिंतक समूह के संस्थापक सदस्य एडवोकेट रमेश आर्य , प्रकृति सेवा समिति की अध्यक्षा पर्यावरण प्रेमी रविता पाल , संस्थापक महासचिव पर्यावरण सचेतक नैपालसिंह पाल , डॉ महिमा गुप्ता , मंजू आर्य , छाया रानी,रवि सैनी , राजबाला , दीपांशु , ममता पाल , ज्योति सिंह ,सुभाष दिवाकर , बाल प्रकृति प्रेमी यवन पाल , बाल प्रकृति प्रेमी गुंजिता पाल , विक्रम गुप्ता आदि उपस्थित रहे।