पहली बार में एवरेस्ट फतह कर एवरेस्ट पर राष्ट्रगान गाकर तिरंगा फहराने वाले विक्रांत उनियाल ने स्पीकर ऋतु खंडूड़ी से की भेंट

देहरादून। पहली बार में एवरेस्ट फतह कर एवरेस्ट पर राष्ट्रगान गाकर तिरंगा फहराने वाले देहरादून निवासी एयरफोर्स विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने आज उत्तराखंड विधानसभा ऋतु खंडूड़ी भूषण से उनके यमुना कालोनी स्थित शासकीय आवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने विंग कमांडर विक्रांत उनियाल को पुष्प गुच्छ भेंट कर बधाई एवं शुभकामना दी। इस अवसर पर समाजसेवी रविन्द्र जुगरान भी मौजूद थे।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की सोच बड़ी हो और इरादे बुलंद हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा की विक्रांत उनियाल की उपलब्धि उत्तराखंड के लिए गौरव है। विधान सभा अध्यक्ष ने उनकी प्रभावशाली उपलब्धियों की सराहना की और उनके भविष्य के नए अभियानों के लिए शुभकामनाएं दीं। बता दें की प्रयागराज में इंडियन एयरफोर्स  में तैनात विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने 21 मई को न सिर्फ माउंट एवरेस्ट फतह किया, बल्कि एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर इंडियन फ्लैग लहराते हुए नेशनल एंथम जन गण मन भी गाया था, वो भी बिना ऑक्सीजन मास्क के। सोशल मीडिया पर विंग कमांडर का यह वीडियो तेजी से वायरल भी हुआ है।

विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान हिमालय की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर विजय पताका फहराने वाले विक्रांत ने बताया कि कि इस ऊंचाई को छूने के लिए कुछ पाने का जुनून, माता-पिता, भाई के साथ अपनों का आशीर्वाद और किस्मत का उन्हे भरपूर साथ मिला, 1997 में एनडीए और वर्ष 2000 में कमीशन पाने वाले विक्रांत ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि किस्मत ने उनका पूरा साथ दिया। उन्होने बताया की नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिंग से उन्होंने पर्वतारोहण का कोर्स किया है। एयरफोर्स में जाने के बाद 2018 में सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (एएमआई) से प्रशिक्षण भी लिया। उन्होने बताया की 15 अप्रैल को एक शेरपा और कुछ पोर्टर के साथ हिमालय के बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और 36वें दिन एवरेस्ट की चोटी पर फतह की।

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