देहरादून। उत्तराखंड सहित देश भर में विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई) द्वारा टोल प्लाजा संचालित किये जा रहे इसमें वसूले जाने वाले शुल्क पर विभिन्न छूटे दी जाती हैै। इनके अनुसार जहां टोल प्लाजा के 20 किमी. के अन्दर रहने वाले लोगों के गैर व्यवसायिक वाहन का टोल 315 रू. माह निर्धारित हैै वहीं 27 वर्गों के वाहन टोल फ्री हैै, इसके अतिरिक्त एकतरफा शुल्क का डेढ़ गुना शुल्क देकर आने जाने तथा 33 गुना शुल्क देकर मासिक पास की भी व्यवस्था है। राष्ट्रीय राजमार्ग सम्बन्धी कोई भी शिकायत टोल फ्री नम्बर 1033 पर की जा सकती हैै।
उक्त सूचना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लोेक सूचना अधिकारी द्वारा काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन के सूचना प्रार्थना पत्र पर उपलब्ध करायी गयी हैै। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की पी0आई0यू0 देहरादून के सह परियोजना निदेशक व लोक सूचना अधिकारी पंकज कुमार मौर्य व अन्य लोक सूचना अधिकारियों द्वारा श्री नदीम को द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार राजमार्गों से सम्बन्धित कोई भी शिकायत टोल फ्री नम्बर 1033 पर की जा सकती है। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड सम्बन्धी सड़कों के लिये शिकायत परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पी.आई.यू. वसन्त बिहार, मकान नं0 171/फेज-1, देहरादून-248006 के पते पर भी की जा सकती है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार जिस व्यक्ति का अपना यांत्रिक वाहन, गैैर वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिये पंजीकृत हुआ हो एवं वह टोल प्लाजा से 20 किमी. तक की दूरी में ही रहता हो उसके लिये 2022-23 के लिये मासिक पास की दर रू. 315/- प्रति माह हैै जिसे टोल प्लाजा में आवश्यक दस्तावेज जमा करने के उपरान्त बनाया जा सकता हैै। यह दरें हर वर्ष निर्धारित की जाती है। पिछले वर्ष 2021-22 के लिये यह रू. 275/- प्रति माह थी।
श्री नदीम को उपलब्ध कराये गये टोल शुल्क सम्बन्धी नोटिफिकेशन के अनुसार 24 घंटे के अन्दर दो यात्राओं के लिये शुल्क एक तरफा का डेढ़ गुना होगा जबकि एक माह के अन्दर 50 या अधिक यात्राओं के लिये शुल्क पचास एकल यात्राओें के शुल्क की राशि का दो तिहाई होगा।
इसके अतिरिक्त जिस जिले में शुल्क प्लाजा पड़ता है उस जिले में पंजीकृत वाणिज्यिक वाहन (राष्ट्रीय परमिट के अधीन चल रहे वाहनों को छोड़कर) के लिए शुल्क उस श्रेणी के लिए वाहन के लिये निर्दिष्ट शुल्क का 50 प्रतिशत होगा। बशर्ते के ऐसे वाणिज्यिक वाहनों के उपयोग के लिए कोई सर्विस रोड अथवा वैकल्पिक सड़क उपलब्ध न हों। टोल शुल्क से छूट केे सम्बन्ध में लोक सूचना अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग फीस (दर का निर्धारण व संग्रहण नियम 2008 तथा संशोधन नियम 2010 की फोटो प्रति उपलब्ध करायी हैै। इसके अनुसार संशोधित नियम 11 के अनुसार 27 वर्गों के वाहनों को टोल फीस से छूट हैै। इसमें 25 श्रेणी के व्यक्तियों के ले जा रहे औैर उनके साथ चल रहे वाहन, 5 प्रकार के शासकीय प्रयोजनों में लगे वाहन तथा एम्बुलेंस तथा शव वाहन के रूप में प्रयोग किये जा रहे वाहन शामिल है।
जिन 25 श्रेणी के व्यक्तियों के वाहन छूट प्राप्त है उनमें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्य के राज्यपाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोक सभा अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्रिमण्डल के मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, केन्द्र के मंत्री, संघ राज्य क्षेत्र के उपराज्यपाल, पूर्व जनरल या समकक्ष रैंक के सेनाध्यक्ष, राज्य विधानसभा परिषद के सभापित, राज्य विधान मंडल के अध्यक्ष, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश , हाईकोर्ट के न्यायाधीश, संसद सदस्य, आर्मी कमांडर या उपसेनाध्यक्ष तथा समकक्ष रैंकधारी, राज्य में संबंधित राज्य के मुख्य सचिव, सचिव भारत सरकार, सचिव राज्य सभा, सचिव लोकसभा, सरकारी दौरे पर उच्च पदस्थ विदेशी अधिकारी, अपने सम्बन्धित राज्य में किसी राज्य विधानसभा अथवा विधान परिषद के सदस्य (यदि वह विधान मंडल द्वारा जारी पहचान पत्र प्रदर्शित करें) परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र के पुरस्कार प्राप्त कर्ता व्यक्ति (यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित पहचान पत्र प्रस्तुत करें) शामिल हैै। जिन पांच शासकीय प्रयोजन वाले वाहनों को टोल शुल्क में छूट प्राप्त हैै उसमें रक्षा मंत्रालय, अर्द्ध सैैनिक बलों और पुलिस सहित वर्दी धारी केन्द्रीय और राज्य सशस्त्र बल, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, अग्निशमन विभाग या संगठन, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारी द्वारा शासकीय प्रयोजनों के लिये प्रयुक्त वाहन शामिल है।