देहरादून। पेपर घपले में कोर्ट ने चार आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। वहीं दो आरोपियों को जमानत मिल गई है। जमानत पाले वालों को एक-एक लाख रुपये बंधपत्र के दो-दो जमानती देने होंगे।
पेपर लीक मामले (स्नातक स्तरीय परीक्षा) में एसटीएफ ने कुल 42 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 21 आरोपी जमानत पा चुके हैं। सोमवार को आरोपी फिरोज हैदर और हिमांशु कांडपाल की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपियों के पास से एसटीएफ ने कुछ भी ठोस तथ्य बरामद नहीं किए हैं। इनका परीक्षा की धांधली से लेना-देना नहीं है। दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। इधर, सोमवार को ही तीन अन्य आरोपी विकास कुमार, मनोज जोशी और संजीव चौहान के भी जमानत प्रार्थनापत्र कोर्ट में प्रस्तुत किए गए थे। इन आरोपियों की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर ली है। आरोपियों को जमानत के लिए एक-एक लाख रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र और दो-दो जमानती प्रस्तुत करने होंगे। साथ ही देश छोड़ने पर प्रतिबंध रहेगा।
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती धांधली मामले में आरोपी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएस रावत और सचिव डॉ. एमएस कन्याल की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। पुलिस की तफ्तीश के आधार पर अभियोजन की दलीलों को सही पाते हुए स्पेशल विजिलेंस कोर्ट के जज चंद्रमणि राय ने दोनों आरोपियों की जमानत नामंजूर कर दी। 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती धांधली में विजिलेंस ने जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज किया था। हाल में इसकी जांच एसटीएफ के पास है।