देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा से धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक पारित होने पर पर साधु-संतों में खुशी की लहर है। साधु-संतों ने धर्मांतरण कानून को और सख्त बनाने के लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार की सराहना की है। इस कानून में जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है। स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि धामी सरकार के इस निर्णय से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। वासुदेवानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह देश एवं समाज के लिए बेहद हितकारक है। स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण कराते हैं वह सबसे बड़े पापी हैं।
उत्तराखंड सरकार ने यह विधेयक पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए धामी को साधुवाद। साध्वी प्राची ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में सीएम धामी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। उत्तराखंड सरकार की यह बहुत अच्छी पहल है। बालकानंद महाराज ने कहा कि सीएम समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें। योगाचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि धर्मांतरण पर बना कानून जरूरी और ऐतिहासिक है। स्वामी रविन्द्रपुरी ने कहा कि इस कार्य के लिए पीएम मोदी और सीएम धामी को साधुवाद। यह ऐतिहासिक कदम है। अन्य राज्यों को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए। राज राजेश्वरानंद महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।