लंदन में नौकरी दिलाने के नाम पर 1.85 करोड़ रु की ठगी करने वाला नाइजीरियन गिरफ्तार

रूद्रपुर/देहरादून,। एक बैंक मैनेजर से 1.85 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले नाईजीरियाई नागरिक को कुमाऊं साइबर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी 25 ई-मेल आईडी से साइबर ठगी कर रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, एक पेनड्राइव, वीजा और पासपोर्ट लगी फॉर्म-सी की छायाप्रतियां मिलीं हैं। वह पूर्व में भी विदेेशी अधिनियम के तहत जेल जा चुका है। जनवरी में रानीखेत निवासी बैंक मैनेजर सुरेश चंद्र आर्य ने कुमाऊं साइबर पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया था कि उनके साथ 60,78,900 रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई थी। ठगों ने उनके बेटे को शैल पेट्रोलियम इंटरनेशनल लंदन में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। इसके अलावा गोल्ड व्यवसाय में निवेश करने और फंड रिलीज कराने के नाम पर रुपये ठगे थे। वहीं इंश्योरेंस बांड, हाईकोर्ट वैरिफिकेशन, आईएमएफ चार्ज, एनईएफटी, आरटीजीएस, केवाईसी, कस्टम, इनकम टैक्स सहित आदि कई शुल्क के नाम पर रुपये वसूले थे। एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने साइबर थाना पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। साइबर थाने के एसएचओ ललित मोहन जोशी ने बताया कि आरोपी वर्ष 2017 से 2022 तक बैंक मैनेजर के संपर्क में था। इस दौरान उसने 1.85 करोड़ रुपये की ठगी की।

मामले की पड़ताल करने के बाद मिले इनपुट के आधार पर टीम ने साउथ ईस्ट दिल्ली के तुगलकाबाद एक्सटेंशन के गोविंदपुरी इलाके के एक फ्लैट से लागोस नाईजीरिया निवासी ओबी फिलिप चेकव्यूब को गिरफ्तार कर लिया। साइबर थाना पुलिस ने बताया कि गृह मंत्रालय के माध्यम से नाईजीरिया एंबेसी को रिपोर्ट भेजकर आरोपी के पासपोर्ट और वीजा के बारे में पूछताछ की जाएगी। आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। आरोपी वर्ष 2016 से भारत में रह रहा है। वह सबसे पहले टूरिस्ट वीजा पर भारत आया। इसके बाद वर्ष 2020 में उसे विदेशी अधिनियम के तहत तिहाड़ जेल भेजा गया। वहां से रिहा होने के बाद वह फिर से दिल्ली में रहने लगा था। हालांकि पुलिस को उसके पास से पासपोर्ट और वीजा नहीं मिला है। दबिश के दौरान पुलिस को आरोपी के ई-मेल से पता चला कि उसका हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और तेलंगाना के लोगों के साथ संपर्क है। पुलिस का कहना है कि आरोपी साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है और वह इन सभी राज्यों के लोगों के साथ भारी रकम ठग चुका है। उसके बारे में और जानकारियां जुटाई जा रहीं हैं। साइबर ठग पहले ई-मेल के माध्यम से लोगों को लुभावने ऑफर भेजते हैं। झांसे में आ जाने के बाद व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से लोगों से लगातार तरह-तरह के शुल्क के नाम पर ठगी करते हैं। इसी तरह यह आरोपी भी बैंक मैनेजर के साथ लगातार ठगी कर रहा था। पुलिस की गिरफ्त में आया नाईजीरियाई मूल का आरोपी ठगी से कमाई हुई रकम नाईजीरिया भेज रहा था। एसएचओ ने बताया कि भारत के लोगों से ठगी करने के बाद ये लोग रकम का कुछ हिस्सा नाईजीरिया स्थित अपने घर में मनी ट्रांसफर के माध्यम से भेजते हैँ। पुलिस को आरोपी के पास इससे संबंधित साक्ष्य भी मिले हैं।