गैरसैंण/देहरादून,। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में आयोजित उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र बजट पारित करने के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। विधानसभा में विपक्ष के वॉकआउट के बीच सरकार ने विभागवार 30 अनुदान मांगों की राशि को बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया। इसके बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2023 को प्रस्तुत किया और इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 77407.08 करोड़ रुपये का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। रात 10 बजे सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।
इससे पूर्व बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए विपक्ष ने बजट को निराशाजनक बताया और बजटीय प्रावधानों को राज्य के विकास के लिए नाकाफी बताया। उनका कहना था कि सरकार पर हजारों करोड़ के कर्ज का बोझ है। मुख्यमंत्री ने उद्बोधन के दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने अपनी बात रखी, लेकिन सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने एतराज किया। उनका कहना था कि विपक्षी सदस्यों ने अपनी बात विस्तार से रख दी है। नेता सदन के बोलने के बाद नेता प्रतिपक्ष को नहीं बोलना चाहिए। इससे विपक्ष भड़क गया और सभी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। इस दौरान वित्त मंत्री ने कर्ज को लेकर सरकार का पक्ष रखा और कहा कि सरकार पर 77 हजार से अधिक का कर्ज है और यह कर्ज जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा के अंदर है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशहित एवं जनहित के अनेक विषयों पर सदन में दोनों दलों द्वारा शांति पूर्वक गंभीर चिंतन-मनन किया गया। चार दिवसीय बजट सत्र की कार्यवाही 21 घंटे 36 मिनट तक चली। सत्र के दौरान विधान सभा को 603 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें स्वीकार 08 अल्पसूचित प्रश्न में 1 उत्तरित, 180 तारांकित प्रश्न में 46 उत्तरित, 380 आताराकिंत प्रश्न में 197 उत्तरित, कुल 29 प्रश्न अस्वीकार निरस्त किए गए।