सौभाग्य से मिलते हैं सेवा के अवसरः अरविंद सिंह ह्यांकी

– आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठवीं वर्षगांठ पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन ने कार्मिकों को किया संबोधित
– योजना की सफलता के लिए किए गए प्रयासों का सराहा, बेहतर परिणामों के लिए जन जागरूता व सहभागिता को बताया जरूरी

देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणः आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के छठवीं वर्षगांठ पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने सभी कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य से जुड़ी आयुष्मान योजना में काम करते हुए मानवीय पहलू को ध्यान में रखना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह योजना मानव स्वास्थ्य से जुड़ी है ओर सेवा के यह मौके सौभाग्य से ही मिलते हैं।

कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने कहा कि आयुष्मान योजना के बेहतर संचालन में सहयोग के लिए आम लोगों में भी जागरूकता का संचार किया जाना जरूरी है। ऐसा हो कि लाभार्थी निशुल्क उपचार पर खर्च होने वाले पैसे को सरकार का नहीं बल्कि स्वयं का पैसा समझे और दुरूपयोग की स्थितियों को लेकर खुद भी सजग रहे।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की व्यापकता व सर्वसुलभता के प्रयास जरूरी हैं। इसके लिए नेटवर्क बढ़ाने होंगे और ग्रामीण स्तर पर शिविरों का आयोजन, आशा व आंगनबाड़ी कार्मिकों का सहयोग लेने जैसे जो प्रयास भी कारगर हो सकते हैं उस दिशा में सुनियोजित ढंग से कार्यवाही की जाए।

कहा कि गलत हरकतें करने वाले अस्पतालों पर हर हाल में रोक लगे और बेहतर सेवा देने वाले अस्पतालों को प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए। उन्होंने देयकों से लेकर अन्य सभी दायित्वों में समयबद्धता को गंभीरता से लेने की बात कही।
बता दें कि आयुूष्मान योजना 23 सितंबर 2018 को शुरू हुई थी। राज्य में अभी तक 57.68 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। 12.50 लाख मरीज निशुल्क सेवा का लाभ उठा चुके हैं जिस पर 2542 करोड़ की धनराशि खर्च की जा चुकी है। इस मौके पर निदेशक वित्त अभिषेक आनंद, निदेशक प्रशासन डा विनोद टोलिया, अपर निदेशक अतुल जोशी, अमित शर्मा, डा हर्ष आदि ने विचार रखे।

Also Read....  पीएम स्वनिधि में उत्तराखंड ने हासिल किया शत – प्रतिशत लक्ष्य