देहरादून। एसटीएफ उत्तराखंड ने नकली दवा के धंधे का भंडाफोड़ किया है। हरिद्वार के भगवानपुर व लक्सर और यूपी के सहारनपुर में नकली दवा बनाने वाली फैक्टरियों में छापा मारकर 15 लाख से अधिक टैबलेट और एक करोड़ से अधिक का कच्चा माल बरामद किया। भगवानपुर में बंद फैक्टरी में दवाएं बनाई जा रही थीं। इन्हें कोरियर से देश के अलग-अलग हिस्सों से में भेजा जाता था।
तीन लोगों के नाम भी एसटीएफ को पता चले हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले भगवानपुर क्षेत्र में बंद पड़ी इनोवा ड्रग एंड फार्मा कंपनी से राशिद और नितिन प्रजापति नाम के लोगों को पकड़ा गया था। उनके पास से कार और चार लाख रुपये की नकली दवाएं बरामद हुई थीं। पूछताछ में बताया था कि इस कंपनी में विशाल और उसका पार्टनर पंकज कुमार नकली दवाओं को बनाते हैं। इसके बाद इन्हें हेल्पर रोहतसा के माध्यम से कोरियर करते हैं। कोरियर से ये दवाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाती हैं।
पूछताछ में पता चला कि गिरोह लक्सर के पीपलहिया गांव में भी फैक्टरी चलाता है। इसके साथ ही सहारनपुर के कैलाशपुर में भी बिना लाइसेंस के फैक्टरी विशाल ने खोली है। यहां भी वह अलग-अलग नामी कंपनियों के नाम से दवाएं बनाते हैं। एसटीएफ ने शनिवार रात को सहारनपुर और लक्सर की इन फैक्टरियों में छापा मारा। यहां से भारी मात्रा में दवाएं और कच्चा माल बरामद हुआ। एसटीएफ की कार्रवाई की भनक लगते ही वहां काम करने वाले भाग निकले। इस मामले में विशाल और नितिन की तलाश की जा रही है।
एसएसपी ने बताया कि दवाओं के लिए रैपर भी भगवानपुर के ग्राम सिसौना स्थित कंपनी में तैयार किए जाते हैं। यहां पर पेपर बॉक्स और नामी कंपनियों के रैपर छापे जाते हैं। एसटीएफ इनसे जुड़े लोगों की तलाश कर रही है। यहां पर साहिब का गोदाम भी बताया जा रहा है। इस पर भी एसटीएफ कार्रवाई कर रही है। इन दवाओं को ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में खपाया जाता है। सूत्रों के मुताबिक दवाओं को झोलाझाप डॉक्टरों की मदद से बेचा जाता है। दवा स्टोर पर प्रशासन की नजर कभी कभार ही पड़ती है। ऐसे में धड़ल्ले से इन दवाओं को बेचते हैं। हालांकि, एसटीएफ अभी इस पूरी चेन को भी तोड़ने की तैयारी कर रही है। एसटीएफ फिलहाल कोरियर कंपनियों के लोगों से भी पूछताछ कर रही है।