नई दिल्ली – पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा होने के बावजूद पिछले लगभग 2 माह से पेट्रो उत्पादों की कीमतें स्थिर हैं। आज उत्तर प्रदेश में सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान चल रहा है। बाकी चार राज्यों में मतदान पहले ही संपन्न हो चुका हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कल 8 मार्च से आम लोगों की जेब पर डाका डलने वाला है. क्योंकि 8 मार्च के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में आग लगने वाली है। पेट्रोल डीजल के दामों में 25 रुपये प्रति लीटर तक का इजाफा हो सकता है. वो इसलिए क्योंकि रुस और यूक्रेन युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 14 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंच चुके है. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के तहत आखिरी दौर का मतदान आज शाम को खत्म होने जा रहा है. जिसके बाद सरकारी सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने की हरी झंडी दे देगी जिसके बाद तेल कंपनियों दाम बढ़ाना शुरू कर देंगी।
कितना महंगा होगा पेट्रोल डीजल
अनुमान है कि मंगलवार 8 मार्च से पेट्रोल डीजल के दाम फिर से हर रोज दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं. कच्चे तेल के दामों में हर एक डॉलर की बढ़ोतरी होने पर सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल डीजल के दामों में 40 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ाती हैं. एक दिसंबर 2021 को 68 डॉलर प्रति बैरल के न्यूनत्तम स्तर तक छूने के बाद से कच्चा तेल अब 139 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुका है. यानि 69 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा कच्चा तेल पिछले करीब 97 दिनों में महंगा हो चुका है. 5 डॉलर तक कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद 2 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल महंगा होता है. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर में आई कमजोरी को भी जोड़ ले तो इस हिसाब से सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने की पेट्रोल डीजल के दामों को करीब 25 रुपये प्रति लीटर तक कम से कम बढ़ाने होंगे. साफ है कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारतीयों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है. जो खपत के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपने ईंधन खपत का 80 फीसदी आयात करता है।
कच्चे तेल के और महंगा होने के आसार
रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2008 के बाद पहली बार 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया है. जेपी मार्गन ने भविष्यवाणी की है कि रूस के आने वाले सप्लाई अगर 2022 में पूरे साल जारी रही तो इस वर्ष कच्चे तेल का भाव 185 डॉलर प्रति बैरल के भाव को भी छू सकता है. पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी।
चार मेट्रो में पेट्रोल डीजल के दाम
फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 86.67 रुपये चुकाना पड़ रहा है. मुंबई वासियों को पेट्रोल के लिए 109.98 रुपये तो डीजल के लिए 94.14 रुपये प्रति लीटर चुकाना पड़ रहा है. चेन्नई में पेट्रोल के लिए 101.40 रुपये प्रति लीटर तो डीजल के लिए 91.43 रुपये में मिल रहा है. कोलकाता वासियों को पेट्रोल के लिए 104.67 रुपये को डीजल के लिए 89.78 रुपये प्रति लीटर देना पड़ रहा है. ये तो आज के दाम है जरा सोचिए चुनाव के खत्म होने के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने अपने नुकसान कई भरपाई के लिए पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना शुरू किया तो देश में महंगाई का क्या आलम होगा।