हरक के आंसू! घड़ियाली, मगर वाले या आंख में ही कोई दिक्कत है जो बार-बार भर आती है

Dehradoon. हरक सिंह रावत तब भी खूब रोते थे जब वो कांग्रेस में थे और जब भाजपा में रहे तब भी खूब रोए और अब भाजपा से बाहर हैं तो भी खूब आंसू बहा रहे हैं।

बहरहाल, अब हरक सिंह का बार-बार का रुदन ही रिसर्च का विषय बनता जा रहा है। दरअसल, जब 2016 में हरक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तो भी खूब रोये थे। तब तक उनके आंसुओं के सैलाब का गणित सब ठीक से नहीं समझे थे। लेकिन 2017 में भाजपा सरकार में मंत्री बनने के बाद भी हरक रोते रहे।

तब त्रिवेंद्र रावत ने उनका गला पकड़े रखा तो भी कभी कभार हरक इसी तरह से आंसू बहाते थे। जब त्रिवेंद्र चले गए तो भी उन्होंने रोना नहीं छोड़ा। तमाम मौकों पर वे आंसू बहाते दिखे लेकिन आज हरक सिंह ने जो आंसू बहाए उसने सब पहले वाले आंसुओं को पीछे छोड़ दिया। सोशल मीडिया पर तो बकायदा आज रिसर्च से लेकर उनके मीम आ रहे हैं कि ये हरक के घड़ियाली आंसू हैं या मगर वाले या उनकी आंख में ही कोई दिक्कत है।

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