राजधानी में आज से शुरू हुआ सुप्रसिद्ध झंडा मेला।

देहरादून : झंडे जी के आरोहण के साथ ही देहरादून का प्रसिद्ध झंडा मेला शुरु हो गया है, झंडा मेला एक माह चलेगा। दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में झंडे जी का आरोहण हुआ, जैसे ही झंडे जी का आरोहण हुआ गुरु महिमा की जयकारों से शहर गूंज उठा, श्रद्धा व भक्ति भाव संगतें डूब गई।

ऐतिहासिक झंडा मेला प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।
दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगव्यों से नए श्री झंडे जी को स्नान कराया गया, विधिवत वैदिक विधान से पूजा अर्चना के बाद अरदास हुई, दस बजे से श्री झंडे जी (पवित्र ध्वजदंड) पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य शुरू किया गया। फिर श्री झंडे जी का विधिवत आरोहण किया गया। इसका एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रसारण किया गया, ऐतिहासिक मेले के लिए 90 फीट ऊंचा ध्वजदंड कंधों पर उठाकर संगत पहुंची थी।

कोरोना से स्थिति सामान्य होने के करीब दो साल बाद इस साल भव्य स्वरूप में मेले का आयोजन किया गया, मेले में भाग लेने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में संगत और श्रद्धालु देहरादून पहुंचे है, सुबह सात बजे से पुराने श्री झंडे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू हुआ। 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी, महंत देवेन्द्र दास महाराज ने मेले में शामिल होने वाली संगत और श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करने की अपील की है।

मेले के भव्य आयोजन के लिए श्री दरबार साहिब, झंडा जी मेला आयोजन समिति की ओर से सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई है, झंडा मेला का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है, सन 1676 में श्री गुरु राम राय महाराज देहरादून आए थे। उन्होंने यहां की रमणीयता से मुग्ध होकर ऊंची-नीची पहाड़ी धरती पर जो डेरा बनाया, उसी के अपभ्रंश स्वरूप इस जगह का नाम डेरादीन से डेरादून फिर देहरादून हो गया, उन्होंने इस धरती को अपनी कर्मस्थली बनाया।

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गुरु महाराज ने श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए एक विशाल झंडा देहरादून के बीच में लगाकर लोगों को इसी ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया, इसके साथ ही श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई, श्री गुरु राम राय महाराज को देहरादून का संस्थापक कहा जाता है। श्री गुरु राम राय महाराज सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के ज्येष्ठ पुत्र थे, उनका जन्म होली के पांचवे दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर में हुआ था।

श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने अपने संदेश में कहा कि मेले हमारे देश की विरासत व धरोहर है, मेलों में देश विदेश के लोग एकसाथ एकजुट होकर अपनी कला, संस्कृति व संस्कारों का आदान प्रदान करते है,  मेले हमें जोड़ने का कार्य करते है, आपसी सद्भाव व भाईचारे को बढ़ाने का काम करते है, श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी, नगर परिक्रमा सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होगी। नगर परिक्रमा सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल पहुंचेगी। यहां से तिलक रोड, टैगोर-विला, घंटाघर से पलटन बाजार होते हुए लक्खीबाग पुलिस चौकी से रीठा मंडी, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग पहुंचेगी।

इसके बाद ब्रहमलीन श्रीमहंत साहिबान के समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद सहारनपुर चौक होते हुए दोपहर 12 बजे नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब पहुंचकर सम्पन्न होगी।