टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और यूजेवीएनएल के संयुक्त उद्यम, टीयूईसीओ (TUECO) ने अपशिष्ट से हरित ऊर्जा उत्‍पादन हेतु संयंत्र स्थापित करने के लिए नगर निगम हरिद्वार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

ऋषिकेश –    सतत विकास की दिशा में एक और प्रयास के रूप में, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उद्यम, टीएचडीसीआईएल – यूजेवीएनएल एनर्जी कंपनी लिमिटेड (टीयूईसीओ) ने दिनांक 29.04.2024 को अपशिष्ट से हरित ऊर्जा उत्‍पादन हेतु नगर निगम हरिद्वार के साथ 140 करोड़. रुपये की लागत से तैयार होने वाले संयंत्र को स्थापित करने हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल का लक्ष्य प्रतिदिन 400 टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को 140 टन हरित चारकोल में परिवर्तित करना है।

श्री आर. के. विश्‍नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने बताया कि इस संयंत्र की स्थापना स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, स्वच्छ परिवेश को बढ़ावा देने के साथ-साथ ठोस कचरे से उत्पन्न होने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि पवित्र शहर हरिद्वार के लिए यह प्रयास एक मील का पत्थर का साबित होगा, यह संयंत्र ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से भारत की आत्मनिर्भरता लोकाचार को रेखांकित करता है।

नगर निगम हरिद्वार ने इस संयंत्र के निर्माण के लिए सराय में लगभग 10 एकड़ भूमि आवंटित की है। टीयूईसीओ और नगर निगम हरिद्वार के अधिकारियों की उपस्थिति में हरिद्वार के नगर आयुक्त, श्री वरुण चौधरी, आईएएस और टीयूईसीओ लिमिटेड के सीईओ, श्री संदीप कुमार ने समझौता ज्ञापन को औपचारिक रूप प्रदान किया।

संयंत्र के संचालन से 400 टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का दैनिक प्रसंस्करण शामिल होगा, जिसे 140 टन टोररिफाइड चारकोल का उत्पादन करने के लिए सीधे रिएक्टर में डाला जाएगा। इस नवोन्मेषी प्रक्रिया से प्राकृतिक कोयले जैसा पदार्थ प्राप्त होता है, जिससे विद्युत उत्पादन के लिए ताप विद्युत संयंत्रों में ईंधन मिश्रण के रूप में इसके निर्बाध एकीकरण की सुविधा मिलती है। विशेष रूप से, यह प्रक्रिया पर्यावरण अनुकूल है, जिसमें वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों की तुलना में कम परिचालन तापमान होता है, जिससे विषाक्त उत्सर्जन कम होता है। यह सहयोगात्मक प्रयास सतत अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है जो कि हरिद्वार एवं इसके आसपास के क्षेत्र के स्वच्छ, हरित भविष्य के प्रति टीएचडीआईएल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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