नई दिल्ली : दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में एक अप्रैल से 15 साल से पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन महंगा हो जाएगा. एक दशक से अधिक पुराने वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण (renewing the registration) की लागत अगले महीने से आठ गुना अधिक हो जाएगी, हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सभी 15-वर्षीय कारों के पंजीकरण को नवीनीकृत करने की लागत 600 रुपए की मौजूदा दर की तुलना में 5,000 रुपए होगी।
दोपहिया वाहन के लिए, ग्राहक को 300 रुपए के बजाय 1,000 रुपए का भुगतान करना होगा. जबकि आयातित कारों के लिए, लागत 15,000 रुपए के बजाय 40,000 रुपए हो जाएगी. इसके अलावा, निजी वाहनों के पुन: पंजीकरण में देरी से हर महीने अतिरिक्त 3000 रुपए खर्च होंगे. कमर्शियल वाहनों के लिए हर महीने 500 रुपए का जुर्माना होगा।
पुराने गाड़ियों का हर पांच साल में नवीनीकरण
नए नियमों के मुताबिक, 15 साल से पुराने हर निजी वाहन को हर पांच साल में नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा. हालांकि, इस नियम में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छूट है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि शहर में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को क्रमशः 15 और 10 वर्षों के बाद अपंजीकृत माना जाता है।
फिटनेस टेस्ट का खर्च भी अप्रैल से बढ़ जाएगा
इसके अलावा पुराने ट्रांसपोर्ट और कमर्शियल वाहनों के फिटनेस टेस्ट का खर्च भी अप्रैल से बढ़ जाएगा. परिवहन मंत्रालय द्वारा संशोधित दरों के अनुसार, फिटनेस परीक्षण की लागत 1 अप्रैल से टैक्सियों के लिए 1,000 रुपए के बजाय 7,000 रुपए होगी. यह बसों और ट्रकों के लिए 1,500 रुपए के बजाय 12,500 रुपए होगी. इसके अलावा आठ साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा।
केंद्र सरकार ने अनुपालन शुल्क (compliance fee) में वृद्धि की है ताकि मालिक अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करना चुन सकें जिससे अधिक प्रदूषण होता है. भारत में एक करोड़ से अधिक वाहन स्क्रैपिंग के योग्य हैं. कार मालिकों के लिए पुराने वाहनों को स्क्रैप करना आसान बनाने के लिए केंद्र ने प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर दिया है।